महाकुंभ 2025: इतिहास, आस्था और योजना की सम्पूर्ण गाइड

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2025 का महाकुंभ क्यों है इतना खास?

Mahakumbh2025 मेला, जो प्रयागराज के पावन त्रिवेणी संगम पर आयोजित होगा, न केवल आध्यात्मिक बल्कि तकनीक और संस्कृति का अद्भुत संगम होने जा रहा है। इस बार के कुंभ को “डिजिटल कुंभ” और “ग्रीन कुंभ” का नाम दिया गया है, जहाँ प्राचीन परंपराएँ आधुनिक सुविधाओं के साथ हाथ मिलाएंगी। यहाँ आपको मिलेगा लाखों साधुओं का समागम, अद्वितीय सांस्कृतिक प्रदर्शन, और वैश्विक पर्यटकों की उर्जा। चलिए, जानते हैं कैसे करें इस पावन यात्रा की तैयारी!

पिछले लेख में, हमने महत्वपूर्ण विषय PM-WANI WiFi Scheme: क्या है और कैसे लगवाएं? संपूर्ण जानकारी और Pradhan mantri suraksha bima yojana ( PMSBY) क्या है? के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्रदान कर चुके हैं।


भाग 1: महाकुंभ का इतिहास—समुद्र मंथन से लेकर आधुनिक युग तक

पौराणिक कथा: अमृत की बूंदों का रहस्य

हिंदू मान्यताओं के अनुसार, देवताओं और असुरों के बीच हुए समुद्र मंथन के दौरान निकले अमृत कलश की चार बूंदें पृथ्वी पर गिरीं। ये बूंदें प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन में गिरकर इन स्थानों को पवित्र बना गईं। महाकुंभ का आयोजन इन्हीं चार स्थानों पर होता है, जहाँ हर 12 साल में ज्योतिषीय गणना के आधार पर शुभ मुहूर्त निकलता है।

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2025 का महाकुंभ क्यों है इतना खास?

ऐतिहासिक महत्व: अकबर से लेकर अंग्रेज़ों तक

  • मुग़ल काल: अकबर ने 1575 में “इलाहाबास” नाम देकर प्रयागराज को धार्मिक महत्व दिया।
  • ब्रिटिश दौर: 1858 में लॉर्ड कैनिंग ने यहाँ पहला संगठित कुंभ मेला आयोजित किया।
  • आधुनिक समय: 2013 के कुंभ में 12 करोड़ लोगों ने भाग लेकर गिनीज वर्ल्ड रेकॉर्ड बनाया।

अखाड़ों की भूमिका: सनातन धर्म के रक्षक

महाकुंभ में 13 प्रमुख अखाड़े (जैसे निरंजनी, जूना, अग्नि) भाग लेते हैं, जो शस्त्र और शास्त्र दोनों में निपुण माने जाते हैं। ये अखाड़े शाही स्नान के दौरान अपने नागा साधुओं के साथ जुलूस निकालते हैं, जो मेले का सबसे चर्चित आकर्षण होता है।

नागा साधु— Mahakumbh2025 की आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक

महाकुंभ मेले का सबसे आकर्षक और रहस्यमय पहलू नागा साधुओं का समावेश है। ये साधु सनातन धर्म के सबसे कठोर अनुशासन और तपस्या का प्रतिनिधित्व करते हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में कुछ रोचक तथ्य:

1. नागा साधु कौन हैं?

Mahakumbh 2025 में प्रयागराज जाएँ और नागा साधुओं के पवित्र स्नान, कुंभ के इतिहास, और आध्यात्मिक आयोजनों का साक्षी बनें। जानिए शाही स्नान की तिथियाँ, यात्रा प्लान, और डिजिटल कुंभ की खास बातें। #Mahakumbh2025 #Nagasadhu #SpiritualIndia
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  • नागा साधु शैव परंपरा के अनुयायी हैं और भगवान शिव को अपना आदर्श मानते हैं।
  • ये जीवनभर ब्रह्मचर्य, त्याग, और कठोर साधना का पालन करते हैं।
  • इनकी पहचान है नग्न अवस्था में रहना, शरीर पर भस्म लगाना, और जटाधारी होना।

2. नागा बनने की प्रक्रिया

नागा साधु बनने के लिए 13 प्रमुख अखाड़ों (जैसे जूना, निरंजनी, अग्नि) में दीक्षा लेनी पड़ती है। इस प्रक्रिया में शामिल है:

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  • मृत्यु संस्कार: अपने पुराने जीवन को समाप्त मानकर सामाजिक बंधनों का त्याग।
  • कपाल क्रिया: सिर के बाल उतारकर भस्म से शरीर ढकना।
  • 12 साल की तपस्या: जंगलों में रहकर ध्यान, योग, और मंत्र साधना।

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3. कुंभ में नागाओं की भूमिका

  • शाही स्नान के अग्रदूत: नागा साधु सबसे पहले संगम में डुबकी लगाते हैं, जिसके बाद ही अन्य श्रद्धालु स्नान करते हैं।
  • धर्म रक्षक: मान्यता है कि ये साधु संकट के समय हिंदू धर्म की रक्षा के लिए युद्ध कौशल भी जानते हैं।
  • आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र: इनके तपोबल से कुंभ की पवित्रता बढ़ती है।

4. रोचक तथ्य

  • युद्ध कला में माहिर: मुग़ल काल में नागाओं ने हिंदू मंदिरों और संस्कृति को बचाने के लिए युद्ध लड़े।
  • केवल पुरुष नहीं: कुछ अखाड़ों में महिला नागा साध्वियाँ भी होती हैं।
  • जीवनशैली: ये साधु धूनी रमाकर रहते हैं और भिक्षा से जीवनयापन करते हैं।

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भाग 2: Mahakumbh2025 की 5 अनोखी विशेषताएँ

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1. स्मार्ट कुंभ: टेक्नोलॉजी का जादू

  • रियल-टाइम अपडेट्स: “Kumbh 2025” App पर मिलेगी भीड़, मौसम और आयोजनों की लाइव जानकारी।
  • ई-पास सिस्टम: ऑनलाइन बुकिंग से मिलेगा स्नान घाटों और कैंपों तक प्रवेश।
  • AI-Based क्राउड मैनेजमेंट: सीसीटीवी और ड्रोन्स से होगी भीड़ पर नज़र।

2. ग्रीन इनिशिएटिव: प्रकृति को समर्पित

  • सौर ऊर्जा: घाटों और टेंट सिटी को सोलर पैनल्स से रोशन किया जाएगा।
  • ज़ीरो वेस्ट पॉलिसी: बायोडिग्रेडेबल प्लेट्स और कम्पोस्टिंग टॉयलेट्स की व्यवस्था।
  • प्लास्टिक-मुक्त कुंभ: श्रद्धालुओं को कपड़े के थैले और मिट्टी के बर्तन दिए जाएंगे।

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3. ग्लोबल कनेक्ट: विश्व भर से आएंगे श्रद्धालु

  • यूनेस्को की पहचान: Mahakumbh2025 को विश्व धरोहर सूची में शामिल करने की कोशिशों के चलते इस बार प्रचार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होगा।
  • मल्टी-लैंग्वेज गाइड्स: इंग्लिश, स्पैनिश, जापानी भाषा में उपलब्ध होंगे टूर फैसिलिटेटर्स।

4. सांस्कृतिक धमाल: रंग बिरंगी झलकियाँ

  • गंगा लेजर शो: संगम पर शाम को होगा 3D प्रोजेक्शन शो, जो बताएगा गंगा की कहानी।
  • साधु संवाद: विभिन्न अखाड़ों के संतों के साथ होगी खुली चर्चा।
  • कला और क्राफ्ट मेला: मधुबनी पेंटिंग्स, बनारसी साड़ियों और टेराकोटा कलाकृतियों की होगी प्रदर्शनी।

5. योग और आरोग्य: स्वास्थ्य का खज़ाना

  • इंटरनेशनल योग फेस्ट: दिसंबर 2024 से फरवरी 2025 तक चलेगा योग महोत्सव।
  • आयुर्वेदिक कैंप: निशुल्क परामर्श और पंचकर्म थेरेपी की सुविधा।

भाग 3: Mahakumbh2025 की महत्वपूर्ण तिथियाँ और शाही स्नान

(नोट: तिथियाँ हिंदू पंचांग पर आधारित हैं, थोड़ा बदलाव संभव है।)

तिथिआयोजनविशेषता
14 जनवरी 2025मकर संक्रांति (पहला शाही स्नान)सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का शुभ मुहूर्त
13 जनवरी 2025पौष पूर्णिमा स्नानचंद्रमा की पूर्णता का दिन
30 जनवरी 2025मौनी अमावस्यामौन रहकर स्नान करने की परंपरा
2 फरवरी 2025बसंत पंचमीसरस्वती पूजा और पीले रंग की प्रधानता
12 फरवरी 2025माघी पूर्णिमा (अंतिम स्नान)चंद्रोदय के समय स्नान का महत्व

टिप: शाही स्नान के दिनों में भीड़ अधिक होती है, इसलिए सुरक्षा गाइड्स का पालन करें।


भाग 4: प्रयागराज कैसे पहुँचें? ट्रैवल हब की सम्पूर्ण जानकारी

हवाई मार्ग (By Air):

  • इलाहाबाद एयरपोर्ट (IXD): दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर से डायरेक्ट फ्लाइट्स (लगभग 2-3 घंटे)।
  • लखनऊ एयरपोर्ट (LKO): 200 किमी दूर, यहाँ से टैक्सी या बस ले सकते हैं (4-5 घंटे)।

रेल मार्ग (By Train):

  • प्रयागराज जंक्शन (PRYJ): देश के सभी प्रमुख शहरों से सीधी कनेक्टिविटी।
  • प्रयागराज चेओकी (PCOI): राजधानी एक्सप्रेस और शताब्दी ट्रेनों का हब।

सड़क मार्ग (By Road):

  • नई दिल्ली से: NH19 के माध्यम से 650 किमी (10-12 घंटे)।
  • लखनऊ से: NH30 से 200 किमी (4-5 घंटे)।
  • बस सेवाएँ: UPSRTC की AC और नॉन-AC बसें नियमित चलती हैं।

लोकल ट्रांसपोर्ट:

  • ई-रिक्शा और ऑटो: मेला क्षेत्र के अंदर आसानी से उपलब्ध।
  • शटल सर्विस: प्रशासन द्वारा नि:शुल्क बसें संचालित की जाएंगी।

भाग 5: 2 दिन और 3 दिन का परफेक्ट इटिनरेरी

2 दिन का प्लान (Spiritual Quick Tour)

दिन 1: संगम स्नान और अखाड़ों का दर्शन

  • सुबह 5 बजे: त्रिवेणी संगम पर सूर्योदय स्नान। टिप: गाइडेड मेडिटेशन सेशन में शामिल हों।
  • सुबह 8 बजे: प्रसाद के रूप में खाएँ तिल के लड्डू और खिचड़ी।
  • दोपहर 12 बजे: जूना अखाड़े के कैंप में साधुओं से संवाद।
  • शाम 6 बजे: संगम घाट पर गंगा आरती और लेजर शो देखें।

दिन 2: एतिहासिक विरासत और संस्कृति

  • सुबह 7 बजे: इलाहाबाद किले का भ्रमण (अशोक स्तंभ देखना न भूलें)।
  • दोपहर 1 बजे: कोरोनेशन पार्क में पिकनिक लंच।
  • शाम 4 बजे: कुंभ मेले के क्राफ्ट बाज़ार से हस्तनिर्मित सामान खरीदें।
  • रात 8 बजे: स्थानीय थाली (चावल, दाल, कढ़ी, पूड़ी) का आनंद लें।

3 दिन का प्लान (Deep Spiritual Experience)

दिन 1 और 2: उपरोक्त 2 दिन के प्लान के अनुसार।
दिन 3: योग और आध्यात्म की गहराई

  • सुबह 6 बजे: संगम के किनारे योग सेशन (अंतर्राष्ट्रीय गुरुओं द्वारा)।
  • सुबह 10 बजे: आनंद भवन (नेहरू परिवार का निवास) का दौरा।
  • दोपहर 2 बजे: साधु संतों के साथ भोजन (लंगर अनुभव)।
  • शाम 5 बजे: सरस्वती घाट पर ध्यान और प्रार्थना।

भाग 6: यात्रा टिप्स—सुरक्षित और सुखद अनुभव के लिए

  1. बुकिंग: होटल और ट्रेन टिकट कम से कम 6 महीने पहले बुक करें। OYO और Airbnb पर बजट ऑप्शन उपलब्ध हैं।
  2. सुरक्षा:
    • भीड़ में बच्चों का हाथ न छोड़ें।
    • महिलाएँ सलवार सूट या साड़ी पहनें (सुविधाजनक और सुरक्षित)।
  3. स्वास्थ्य:
    • गर्म कपड़े लेकर चलें (जनवरी में ठंड रहती है)।
    • प्राथमिक चिकित्सा किट में ORS, बैंड-एड और दर्द निवारक गोलियाँ रखें।
  4. फ़ूड:
    • केवल “शुद्ध शाकाहारी” स्टॉल्स पर भोजन करें।
    • स्ट्रीट फूड में इलाहाबादी चाट और मालपुआ ट्राई करें।

भाग 7: प्रयागराज की अन्य प्रमुख आकर्षक जगहें

महाकुंभ के पावन अनुभव के साथ-साथ प्रयागराज (इलाहाबाद) अपने ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक खूबसूरती के लिए भी प्रसिद्ध है। यहाँ कुछ ऐसी जगहें हैं जिन्हें आप अपनी यात्रा में ज़रूर शामिल करें:

1. इलाहाबाद किला (Allahabad Fort)

  • क्यों जाएँ? अकबर द्वारा 1583 में बनवाया गया यह किला गंगा-यमुना के संगम के किनारे स्थित है।
  • विशेषता:
    • अक्षयवट: 5000 साल पुराना पवित्र बरगद का पेड़, जिसे हिंदू मान्यताओं में “अमरत्व का वृक्ष” माना जाता है।
    • पातालपुरी मंदिर: भूमिगत मंदिर जहाँ भगवान शिव की स्वयंभू लिंगमूर्ति है।
  • टिप: किले के अंदर फोटोग्राफी प्रतिबंधित है।

2. आनंद भवन (Anand Bhavan)

  • क्यों जाएँ? नेहरू परिवार का पैतृक निवास, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का गवाह है।
  • विशेषता:
    • संग्रहालय में महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी से जुड़ी वस्तुएँ।
    • स्वराज भवन: इंडो-ब्रिटिश आर्किटेक्चर का अनोखा नमूना।
  • प्रवेश शुल्क: ₹20 (भारतीय), ₹250 (विदेशी)।

3. चंद्रशेखर आज़ाद पार्क (Company Garden)

  • क्यों जाएँ? 1857 के विद्रोह के नायक चंद्रशेखर आज़ाद की शहादत स्थली।
  • विशेषता:
    • हनुमान मंदिर: लाल रंग का विशाल मंदिर, जहाँ श्रद्धालु “जय बजरंगबली” का जाप करते हैं।
    • बोटिंग और पिकनिक: हरे-भरे लॉन और झील में नौकाविहार।

4. खुसरो बाग (Khusro Bagh)

  • क्यों जाएँ? मुग़ल शैली में बना यह बाग़ मुग़ल राजकुमार खुसरो की कब्र के लिए प्रसिद्ध है।
  • विशेषता:
    • फारसी कलाकृतियाँ: दीवारों पर बनी नक्काशी और कुरान की आयतें।
    • शांत वातावरण: योग और ध्यान के लिए आदर्श जगह।

5. अशोक स्तंभ (Ashoka Pillar)

  • क्यों जाएँ? सम्राट अशोक द्वारा 232 ईसा पूर्व स्थापित यह स्तंभ बौद्ध धर्म का प्रतीक है।
  • विशेषता:
    • ब्राह्मी लिपि: स्तंभ पर अशोक के शिलालेख उकेरे गए हैं।
    • इलाहाबाद संग्रहालय: स्तंभ के पास ही प्राचीन मूर्तियों और सिक्कों का संग्रह।

6. मंकामेश्वर मंदिर (Mankameshwar Temple)

  • क्यों जाएँ? भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर शहर के हृदय में स्थित है।
  • विशेषता:
    • शिवलिंग: कहा जाता है कि यह स्वयंभू लिंग है और मनोकामनाएँ पूरी करता है।
    • मंदिर की रौनक: शाम की आरती और घंटियों की ध्वनि।

7. अल्फ्रेड पार्क (Alfred Park)

  • क्यों जाएँ? एशिया का सबसे बड़ा पार्क, जहाँ 1857 की क्रांति का पहला संग्राम हुआ था।
  • विशेषता:
    • थॉर्नहिल मे मेमोरियल: ब्रिटिश काल की वास्तुकला।
    • म्यूज़िकल फ़ाउंटेन: शाम को होने वाला लाइट-साउंड शो।

ट्रैवल टिप:

  • समय बचाने के लिए: संगम से नज़दीकी स्थल (जैसे इलाहाबाद किला, अशोक स्तंभ) पहले घूमें।
  • लोकल फ्लेवर: इलाहाबादी चाट और कुल्फ़ी का स्वाद लेना न भूलें!

अंतिम शब्द: एक यात्रा जो बदल दे आपको अंदर से!

Mahakumbh2025 सिर्फ़ एक मेला नहीं, बल्कि जीवन का दर्शन है। यहाँ आपको मिलेगा साधुओं का त्याग, श्रद्धालुओं का विश्वास, और प्रकृति की पवित्रता। 2025 में इस अद्भुत आयोजन का हिस्सा बनकर अपने जीवन को नई दिशा दें।

जय गंगे मैया! हर-हर महादेव!

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FAQs: महाकुंभ 2025 से जुड़े सवाल-जवाब (हिंदी और अंग्रेजी में)
(Frequently Asked Questions about Mahakumbh 2025 in Hindi & English)


1. महाकुंभ 2025 का मुख्य आकर्षण क्या है?

What is the main highlight of Mahakumbh 2025?

  • हिंदी: 2025 का महाकुंभ “डिजिटल कुंभ” और “ग्रीन कुंभ” थीम पर आधारित है। शाही स्नान, नागा साधुओं का जुलूस, गंगा लेजर शो, और अंतर्राष्ट्रीय योग फेस्टिवल प्रमुख आकर्षण होंगे।
  • English: Mahakumbh 2025 focuses on “Digital Kumbh” and “Green Kumbh” initiatives. Key highlights include Shahi Snan, Naga Sadhus’ procession, Ganga laser shows, and an International Yoga Festival.

2. महाकुंभ में शाही स्नान के लिए रजिस्ट्रेशन कैसे करें?

How to register for Shahi Snan at Kumbh Mela?

  • हिंदी: शाही स्नान में भाग लेने के लिए ऑफिशियल वेबसाइट kumbh2025.up.gov.in पर ई-पास बनाएँ। VIP पैकेज और गाइडेड टूर के लिए प्राइवेट ट्रैवल एजेंसियों से संपर्क करें।
  • English: Register for Shahi Snan via the official website kumbh2025.up.gov.in to generate e-passes. Contact private travel agencies for VIP packages or guided tours.

3. प्रयागराज में कहाँ ठहरें? बजट होटल्स के ऑप्शन्स क्या हैं?

Where to stay in Prayagraj? Budget-friendly options?

  • हिंदी:
    • लक्ज़री: जेड होटल, कैंपस कॉर्नर (संगम के नज़दीक)।
    • बजट: यूपी टूरिज़म की टेंट सिटी, धर्मशालाएँ, और OYO होटल्स।
  • English:
    • Luxury: The Jade Hotel, Campus Corner (near Sangam).
    • Budget: UP Tourism tent city, dharamshalas, and OYO hotels.

4. महिलाओं के लिए सुरक्षा टिप्स क्या हैं?

Safety tips for women attending Kumbh?

  • हिंदी:
    • भीड़ में ग्रुप में रहें और लोकल पुलिस हेल्पलाइन नंबर (112) सेव करें।
    • सुविधाजनक कपड़े (सलवार सूट/जींस) पहनें।
  • English:
    • Stay in groups, save local police helpline (112).
    • Wear comfortable clothes (salwar suits/jeans).

5. क्या विदेशी पर्यटकों के लिए विशेष सुविधाएँ हैं?

Special facilities for foreign tourists?

  • हिंदी: हाँ! “टूरिस्ट सेवा केंद्र” पर मल्टी-लैंग्वेज गाइड्स, ई-वीजा सहायता, और फॉरेन एक्सचेंज सुविधा उपलब्ध होगी।
  • English: Yes! Multi-lingual guides, e-visa assistance, and forex services will be available at “Tourist Service Centers.”

6. कुंभ में बच्चों को ले जाना सुरक्षित है?

Is it safe to bring children to Kumbh?

  • हिंदी: हाँ, लेकिन भीड़ वाले दिनों (जैसे मौनी अमावस्या) से बचें। बच्चों को आईडी कार्ड/कॉन्टैक्ट नंबर का बैज पहनाएँ।
  • English: Yes, but avoid crowded days (e.g., Mauni Amavasya). Make kids wear ID badges with contact details.

7. कुंभ में फोटोग्राफी की अनुमति है?

Is photography allowed at Kumbh?

  • हिंदी: हाँ, लेकिन नागा साधुओं या धार्मिक अनुष्ठानों की फोटो लेने से पहले अनुमति लें। ड्रोन्स पर प्रतिबंध है।
  • English: Yes, but seek permission before photographing Naga Sadhus or rituals. Drones are prohibited.

8. कुंभ 2025 में प्लास्टिक पर प्रतिबंध क्या है?

Is plastic banned at Mahakumbh 2025?

  • हिंदी: हाँ! सिंगल-यूज प्लास्टिक पूरी तरह प्रतिबंधित है। श्रद्धालुओं को कपड़े के थैले और मिट्टी के बर्तन दिए जाएंगे।
  • English: Yes! Single-use plastic is banned. Devotees will get cloth bags and clay utensils.

9. क्या पालतू जानवरों को ले जा सकते हैं?

Can I bring pets to Kumbh Mela?

  • हिंदी: नहीं। भीड़ और धार्मिक स्थलों के नियमों के कारण पालतू जानवरों की अनुमति नहीं है।
  • English: No. Pets are not allowed due to crowd management and religious site regulations.

10. महाकुंभ 2025 की आधिकारिक वेबसाइट क्या है?

What is the official website for Mahakumbh 2025?

  • हिंदी: आधिकारिक अपडेट्स और ई-पास बुकिंग के लिए विजिट करें – kumbh2025.up.gov.in
  • English: Visit kumbh2025.up.gov.in for official updates and e-pass bookings.

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